नई दिल्ली । भारत 2020 तक 100 गीगावॉट (एक लाख मेगावॉट) अक्षय ऊर्जा क्षमता को हासिल कर लेगा और 2022 तक 175 गीगावॉट क्षमता हासिल करने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ सकेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार महत्वपूर्ण मुद्दों पर नजर रखती है और उनका समाधान समय पर कर पाती है, तो भारत इन लक्ष्यों को पा सकता है। हालांकि, सरकार को चौबीसों घंटे स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भंडारण को प्रोत्साहन देना होगा।
अभी देश में कोयला आधारित ताप बिजली घर बिजली के प्रमुख स्रोत हैं। अभी देश में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के समक्ष कई दिक्कतें आ रही हैं। मसलन वित्तीय संस्थान अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का वित्तपोषण करने में हिचकिचाते हैं। सौर पैनल पर रक्षोपाय शुल्क लगता है, सौर उपकरणों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर विसंगति हैं। बिजली वितरण कंपनियों यानी डिस्कॉम द्वारा स्वच्छ ऊर्जा डेवलपर्स को भुगतान में देरी या भुगतान नहीं किए जान से भी इस क्षेत्र को लेकर निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है। नवंबर के अंत तक देश की अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 86 गीगावॉट पर पहुंच गई थी।
इसमें सौर, पवन, छोटी पन बिजली, बायोमास, कचरे से बिजली जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। करीब 30 गीगावॉट की अक्षय ऊर्जा क्षमता क्रियान्वयन के चरण में है। इसमें 18 गीगावॉट सौर और 10 गीगावॉट पवन ऊर्जा है। वहीं 40 गीगावॉट के लिए निविदा निकाली जा रही है। इसमें 36 गीगावॉट सौर और 3.4 गीगावॉट पवन ऊर्जा है। बिजली एवं नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘सरकार की ओर से क्रियान्वित की जा रही योजनाओं को मिलाकर मुझे उम्मीद है कि 2020 और उसके आगे के वर्षों में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को काफी प्रोत्साहन मिलेगा।
मुझे उम्मीद है कि 2020 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता 100 गीगावॉट को पार कर जाएगी।’’ इससे पहले इसी साल सरकार ने कई नए कार्यक्रम शुरू किए हैं। इनमें पीएम-कुसुम, सौर रूपटाप चरण-दो, अल्ट्रा मेगा अक्षय ऊर्जा बिजली पार्कों का विकास (यूएमआरईपीपी) आदि शामिल हैं। सिंह ने कहा कि 2020 में हमारी पहल का मकसद नीति के मोर्चे पर अनुकूल माहौल उपलब्ध कराकर अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को पाना है। ‘‘हमारा लक्ष्य निवेशकों, विनिर्माताओं तथा अन्य अंशधारकों के लिए जोखिम को कम करने और कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करने का है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे सुधार के मद्देनजर अक्षय ऊर्जा के भंडारण पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
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